ऑप्शन ही ऑप्शन हैं फैशन इंडस्ट्री में, आइये तो सही...

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ऑप्शन ही ऑप्शन हैं फैशन इंडस्ट्री में, आइये तो सही…

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फैशन डिज़ाइनिंग को आम तौर पर कॅरियर का एक आप्शन भर माना जाता है. जबकि ऐसा नहीं है, दरअसल यह एक ऐसी कला है जो ड्रेस और एक्सेसरीज़ की मदद से किसी इनसान की लाइफ स्टाइल को सामने लाती है. क्या है फैशन डिजाइनिंग? मॉडर्न फैशन के अंतर्गत दो मूल विभाग हैं. पहला वर्ग है वस्त्रों को डिज़ाइन करना और दूसरा रेडी-टू-वियर अर्थात तैयार पोशाकें. इन दोनो वर्गों मे फैशन डिज़ाइनिंग का इस्तेमाल प्रथम वर्ग मे किया जाता है. वर्तमान समय मे फैशन शो इसी के बूते चल रहे हैं. इन शो के ज़रिए ही फैशन डिज़ाइनर्स की सृजनात्मकता और रचनात्मकता का पता चलता है. अहमियत रंग और बुनावट की यदि किसी को टेक्सटाइल, पैटर्न, कलर कोडिंग, टेक्सचर आदि का अच्छा ज्ञान हो तो फैशन डिज़ाइनिंग को कॅरियर के रूप मे अपनाने मे उसे बिल्कुल हिचकना नहीं चाहिए. उसकी सफलता को कोई गुंजाइश नहीं रह जाती और उसका नाम फैशन इंडस्ट्री मे तहलका मचा सकता है. खासकर भारत जैसे देश में जहाँ के फैशन मे पश्चिमी सभ्यता का भी संगम है, और इसी मिलन ने फैशन इंडस्ट्री को एक नयी दिशा और पहचान दी है. फॅशन डिज़ाइनिंग मे रंगों के संयोजन और कपड़े के आधार पर उसकी बुनाई का बड़ा महत्व है. एक तरह से ये ही फैशन डिज़ाइनिंग का सार है. इन की बिनाह पर ही लुक्स संभव हो सकते हैं. इसके बाद व्यावसायिक कुशलता, कट, डिज़ाइन, सहायक सामग्री मिलकर ही पोशाक का मूल स्वरूप तय कर सकते हैं. मौसम के साथ बदलता है फैशन का भी मिजाज यह भी ज़रूरी है की इसे पूरी विधि के साथ संपूर्ण किया जाए. प्लान तैयार करके, ब्लू प्रिंट्स ड्रॉ करने के बाद ही फाइनल आउटकम प्राप्त होगा. डिज़ाइन की सफलता स्वाभाविक रूप से उसकी फिनिशिंग फैशन डिज़ाइनिंग का सबसे महत्वपूर्ण पहलू ये है कि फैशन किसी ना किसी थीम पर निर्भर करता है. जैसे: मौसम, लोगों की पसंद विशेष आदि. अगर आपने गौर किया हो तो फैशन प्रमुखत: मौसम के अनुसार होता है. उदाहरण के लिए सर्दी के मौसम मे आपको उसी के अनुरूप रंग और फैब्रिक देखने को मिलेगा. इसके साथ ही ऊनी कपड़े, पोलो नेक, नीले और ब्राउन देखने को मिलेंगे. इसके विपरीत गर्मियों में आपको कैज़ुअल, कॉटन और सफ़ेद रंग मिलेंगे. चौकन्ना बनिए, क्या है इन और क्या है आउट! फैशन कभी भी स्थाई नही होता है. समय के साथ इसमे परिवर्तन होते रहते हैं. वर्तमान ने स्पेगेटी का फैशन गया और हॉल्टर नेक्स चल रहे हैं. स्कर्ट चलन में हैं और पैंटसूट्स का दौर जा चुका है. इसीलिए परिवर्तन की गति को देखते हुए, इस फील्ड मे आने वाले हर इंसान को चौकन्ना रहना होगा. और इस बात के लिए कि क्या पहना जाना चाहिए और क्या नही? फैशन का प्रमुख केंद्र सेलिब्रिटीज़, सोशलाइट्स, मॉडल्स आदि रहे हैं. ग्लैमर है तो चुनौती भी कम नहीं… कुल मिलकर फैशन डिज़ाइनिंग बहुत ही चुनौती भरा और ग्लैमर से भरपूर भरा व्यवसाय है, जिसमे राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर आयोजन होते हैं. जैसे: आईएमजी फैशन वीक, लक्मे फैशन वीक आदि. बहुत से फैशन डिज़ाइनिंग इन्स्टिट्यूट जैसे: नॅशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ डिज़ाइन, अहमदाबाद, नॅशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नालॉजी, सोफिया पॉलिटेक्निक आदि.

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