August 2016 - Page 2 of 3 - Modelling Mumbai

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Monthly Archives: August 2016

The following article concludes the top 11 Audition Tips to ensure that you show good performance and body language. Make sure that all the preparation you do for a Audition isn’t in worthless. Your body language is key to Modeling and Acting Audition success.

The top 10 ways to improve your Acting and Modeling auditions when you go to a new Production house or Ad Agency are as follows:

1) Don’t refer anyone as Uncle or Aunty
Mumbai film and Advertising industry people take this as a insult, and nobody wants and unwanted relative, be professional use the best word “Sir” or “Madam” or add “ji” with there name, this brings more respect.

2) Make Good Eye Contact
Make good, strong eye contact. The director on audition may think that because you’re unable to do this, you either have something to hide or you may not have the conviction of your beliefs. If you’re struggling to concentrate when looking straight into someone’s eyes, then try looking in-between their eyes. They won’t be able to tell that you aren’t looking straight into their eyes, but you’ll find it easier to maintain focus. Try it with a friend first to see what I mean.

3) Keep Smiling
You need to practice a strong, sincere, smile. A good smile has the power to say, “I’m a happy, confident person and I’d love to work here”. Try practicing smiling in a mirror. Practice a smile that puts people at ease. It’s just as much your responsibility to ensure that there is a relaxed atmosphere during the interview.

4) Body Language
Again, try practicing this with a friend first. Make sure that your legs are slightly apart. Place your hands apart, on your thighs is good. Open body language is even more important during the audition. It demonstrates that you are receptive to the question and actively listening. Remember when you practice your body language with a friend to take a note of what to do with each part of your body. Unless you do that – and remember – you’re leaving it to chance that your body language come across well at your Acting and Modeling audition.

5) Don’t be too relaxed
It’s easy to appear as if you relax too much. This is especially prevalent if you’re asked to sit in a large sofa seat. Try not to appear too relaxed. Not sitting right back in the seat is a good idea. If you sit forward, it makes you look more attentive and more interested. Some people relax because they’re not very interested. Other people relax because they have bad body language.

6) Don’t be too Alert
If you’re too alert then you won’t appear too relaxed. If an experienced director is auditioning you then they might put this down to stage fright. They might just judge you on what you’re saying rather than how uptight you appear. However, They could leave the audition with a feeling that you weren’t as good as the other person simply because you were too erect. Try to relax… but not too much!

7) Sleep well before Acting and Modeling Audition
It’s all very well having fresh look at your acting audition, but if your eyes aren’t looking bright and interested then you’re making life difficult for yourself! Make sure that you have a good night’s sleep before your acting audition. Remember – this is a very important day – you need to look your best and have no bags under your eyes!

8) pay attention
It’s important to be positive at your modeling audition. You need to demonstrate that you’re actively taking part in the audition. When your director is telling you about the role and script, make sure that you listen. This shows that you are listening and are interested in what they are saying. It shows that your are engaged in the discussion process and want to be part of the Production or movie.

9) Breathe deeply
One of the best ways to relax before an important audition is to breath deeply. If you breathe deeply, not only are you relaxing by slowing your rapid, nervous heartbeat, you’re also ensuring that your brain has as much oxygen as possible. This means that you’ll be able to think clearly at your audition and be able to respond to difficult questioning more rapidly. Breathing deeply before an audition will provide you with the effective combination of being relaxed and alert at the same time.

10) Accept an offer of a glass of water
You may not feel like a glass of water, but taking a sip from a glass of water can have a calming effect on your audition performance. It can give you an opportunity to collect your thoughts while refreshing you. It will also give you a chance to get used to the surroundings. This will also give you’re the opportunity to gather your thoughts and decide upon any amendments to your acting and modeling strategy as well as reviewing your prepared responses to questions.

11) Style your handshake
So many people haven’t got the right professional handshake. Remember that this is part of the first and last impression that you leave at the Audition. If you have a weak, limp handshake then this tells the director that you may not have the ability to deal with confrontation. On the other hand, if your handshake is too strong, then you may not be a good listener. You may be quite confident about controlling a situation, but you may be less likely to be democratic in approach.

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फैशन डिज़ाइनिंग को आम तौर पर कॅरियर का एक आप्शन भर माना जाता है. जबकि ऐसा नहीं है, दरअसल यह एक ऐसी कला है जो ड्रेस और एक्सेसरीज़ की मदद से किसी इनसान की लाइफ स्टाइल को सामने लाती है. क्या है फैशन डिजाइनिंग? मॉडर्न फैशन के अंतर्गत दो मूल विभाग हैं. पहला वर्ग है वस्त्रों को डिज़ाइन करना और दूसरा रेडी-टू-वियर अर्थात तैयार पोशाकें. इन दोनो वर्गों मे फैशन डिज़ाइनिंग का इस्तेमाल प्रथम वर्ग मे किया जाता है. वर्तमान समय मे फैशन शो इसी के बूते चल रहे हैं. इन शो के ज़रिए ही फैशन डिज़ाइनर्स की सृजनात्मकता और रचनात्मकता का पता चलता है. अहमियत रंग और बुनावट की यदि किसी को टेक्सटाइल, पैटर्न, कलर कोडिंग, टेक्सचर आदि का अच्छा ज्ञान हो तो फैशन डिज़ाइनिंग को कॅरियर के रूप मे अपनाने मे उसे बिल्कुल हिचकना नहीं चाहिए. उसकी सफलता को कोई गुंजाइश नहीं रह जाती और उसका नाम फैशन इंडस्ट्री मे तहलका मचा सकता है. खासकर भारत जैसे देश में जहाँ के फैशन मे पश्चिमी सभ्यता का भी संगम है, और इसी मिलन ने फैशन इंडस्ट्री को एक नयी दिशा और पहचान दी है. फॅशन डिज़ाइनिंग मे रंगों के संयोजन और कपड़े के आधार पर उसकी बुनाई का बड़ा महत्व है. एक तरह से ये ही फैशन डिज़ाइनिंग का सार है. इन की बिनाह पर ही लुक्स संभव हो सकते हैं. इसके बाद व्यावसायिक कुशलता, कट, डिज़ाइन, सहायक सामग्री मिलकर ही पोशाक का मूल स्वरूप तय कर सकते हैं. मौसम के साथ बदलता है फैशन का भी मिजाज यह भी ज़रूरी है की इसे पूरी विधि के साथ संपूर्ण किया जाए. प्लान तैयार करके, ब्लू प्रिंट्स ड्रॉ करने के बाद ही फाइनल आउटकम प्राप्त होगा. डिज़ाइन की सफलता स्वाभाविक रूप से उसकी फिनिशिंग फैशन डिज़ाइनिंग का सबसे महत्वपूर्ण पहलू ये है कि फैशन किसी ना किसी थीम पर निर्भर करता है. जैसे: मौसम, लोगों की पसंद विशेष आदि. अगर आपने गौर किया हो तो फैशन प्रमुखत: मौसम के अनुसार होता है. उदाहरण के लिए सर्दी के मौसम मे आपको उसी के अनुरूप रंग और फैब्रिक देखने को मिलेगा. इसके साथ ही ऊनी कपड़े, पोलो नेक, नीले और ब्राउन देखने को मिलेंगे. इसके विपरीत गर्मियों में आपको कैज़ुअल, कॉटन और सफ़ेद रंग मिलेंगे. चौकन्ना बनिए, क्या है इन और क्या है आउट! फैशन कभी भी स्थाई नही होता है. समय के साथ इसमे परिवर्तन होते रहते हैं. वर्तमान ने स्पेगेटी का फैशन गया और हॉल्टर नेक्स चल रहे हैं. स्कर्ट चलन में हैं और पैंटसूट्स का दौर जा चुका है. इसीलिए परिवर्तन की गति को देखते हुए, इस फील्ड मे आने वाले हर इंसान को चौकन्ना रहना होगा. और इस बात के लिए कि क्या पहना जाना चाहिए और क्या नही? फैशन का प्रमुख केंद्र सेलिब्रिटीज़, सोशलाइट्स, मॉडल्स आदि रहे हैं. ग्लैमर है तो चुनौती भी कम नहीं… कुल मिलकर फैशन डिज़ाइनिंग बहुत ही चुनौती भरा और ग्लैमर से भरपूर भरा व्यवसाय है, जिसमे राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर आयोजन होते हैं. जैसे: आईएमजी फैशन वीक, लक्मे फैशन वीक आदि. बहुत से फैशन डिज़ाइनिंग इन्स्टिट्यूट जैसे: नॅशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ डिज़ाइन, अहमदाबाद, नॅशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नालॉजी, सोफिया पॉलिटेक्निक आदि.

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पोर्टफोलियो एक मॉडल का नौकरी के लिए रिज़्यूम है. ये सबसे ज़रूरी जानकारी है फोटोज़ और डीटेल्स के रूप में जो हर मॉडल के पास होना चाहिए. यही वो फोटोज़ हैं जिन्हें क्लाएंट, मॉडल से मिलने से पहले देखता है और तय करता है कि वो किसी प्रोजेक्ट के लिए फिट है या नहीं. इसलिए इन पिक्चर्स में ना सिर्फ आपके फिज़िकल ऐट्रिब्यूट्स दिखने चाहिए बल्कि आपके व्यक्तित्व की भी एक झलक मिलनी चाहिए जिससे शुरुआती दौर से ही क्लाएंट की दिलचस्पी आपमें बनी रहे.
एक बार शूट किए जाने के बाद पोर्टफोलियो कम से कम 6 महीने से लेकर एक साल तक इंडस्ट्री में घूमता रहता है. तो इसलिए अपना बेस्ट दें इन टिप्स की मदद से –
बेस्ट शेप / फिज़ीक – बेस्ट फोटोज़ पाने क लिए शारीरिक तौर पर आप अपने बेस्ट फॉर्म में होनी चाहिए. इसलिए पोर्टफोलियो बनवाने से पहले आपके पास कम से कम 3 महिने का समय होना चाहिए (या उससे ज़्यादा आपके शरीर पर निर्भर करता है) अपने शरीर को टोन करने के लिए.
त्वचा, बाल और डेंटल ट्रीटमेंट्स – फ्रेश और रीजुविनेटेड दिखने के लिए, शूट से पहले ही किसी भी तरह की कमी पर काम कर लें. रेगुलर फेशियल्स, बॉडी स्क्रब्स, हेयर कट्स / कलरिंग / कंडीशनिंग ट्रीटमेंट्स / डेंटल क्लीनिंग / अलाईनिंग / व्हाइटनिंग (अगर ज़रूरत हो तो) और ऐसी ही दूसरी चीज़ें. (ऐसे पाएं चमकते दांत नैचुरली.)
फोटोग्राफर का चुनाव – एक मॉडल को कैमरे क साथ संवाद स्थापित करने की ज़रूरत होती है और ये तभी मुमकिन हो पाता है जब फोटोग्राफर के साथ आपका अच्छा तालमेल और समझ हो. तो किसी भी फोटोग्राफर को सिर्फ उसके पिछले काम और फीस के आधार पर तय करने से पहले एक बार उससे मिलें भी. और रेफरेंस शॉट (जिस तरह पोर्टफोलियो शूट किया जाएगा) लेना ना भूलें. शूट किए जाने वाले लुक्स और बदलावों के बारे में उससे बात करें और पोस्ट प्रोडक्शन और शॉर्टलिस्टेड फोटोज़ की क्लीनिंग के बारे में भी. उसके बाद ही आपको तय करना चाहिए. (और ऐसे पाएं अपनी बेस्ट सेल्फी.)
हेयर और मेकप आर्टिस्ट – अपने बजट और ज़रूरतों के हिसाब से मौजूद सबसे अच्छे हेयर और मेकप आर्टिस्ट्स पर रीसर्च करें. एक बार फाइनलाइज़ करने के बाद, रेफरेंस शॉट्स को उनके साथ शेयर करें जिससे की वो हेयर एक्सटेंशन्स, स्पेशल मेकप, कलर पैलेट्स और ऐसी ही दूसरी चीज़ों की तैयारी शूट के लिए समय रहते ही कर लें. इससे आप आखिरी समय में हड़बड़ी और परेशानी से बचेंगी. (इन मेकप की गल्तियों से खराब ना होनें दें अपनी फोटोज़.)
स्टाइलिस्ट – आप पोर्टफोलियो में जो पहनती हैं वो आपके व्यक्तित्व और फोटोज़ दोनों को ही उभारने में मदद करता है. तो रेफरेंस शॉट्स के आधार पर स्टाइलिस्ट को ऑप्शन्स तय करने शुरू कर देने चाहे और अडवांस में ही फिटिंग्स कर लेने चाहिए. कभी-कभी आपकी बॉडी टाइप, स्किन कलर और ऐसी ही दूसरी बातों के आधार पर स्टाइलिस्ट आपके पसंद के किसी लुक को नकार भी सकता है. उसकी सलाह पर गौर करें – आखिरकार आपने उसे उसकी विशेषज्ञता के लिए ही तो हायर किया है! (कौनसी जीन्स आपकी बॉडी को करेगी सूट? यहां क्लिक कर के जानें.)
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आउटडोर या इनडोर – इनडोर और आउटडोर शॉट्स का मेल हमेशा ही अच्छा होता है. ये देखने वाले को बोरियत से बचाता है और पिक्टर और लुक को एक कैरेक्टर देता है. शॉट ब्रेक-अप के आधार पर फोटोग्राफर, स्टाइलिस्ट और आप लोकेशन्स और समय तय कर सकती हैं (सूर्योदय से पहले की रोशनी, सूर्यास्त और ऐसे ही दूसरे समय) (यहां पढिए सबसे सेक्सी मेल मॉडल्स के बारे में).
कैमेरा कॉन्टैक्ट – बात करते वक्त सामने वाले की आंखों में देखना सम्मान और आत्मविश्वास की निशआनी हैं. यही चीज़ कैमरे के सामने भी दिखाने के लिए ये बहुत ज़रूरी है कि आपके पोर्टफोलियो के कई शॉट्स में आप कैमरे के लेन्स में देखकर अपने भाव व्यक्त कर रही हों और अपनी मौजूदगू दर्ज करा रही हों. (यहां देखिए एक फोटोग्राफर की नज़रों से फैशन वीक.)
शॉट्स का चुनाव – अलग-अलग प्रोजेक्ट्स की अलग-अलग मांग होती है. इसलिए सबकी ज़रूरतों का ध्यान रखते हुए आपके पोर्टफोलियो के शॉर्टलिस्टेड शॉट्स में क्लोज़-अप्स, मिड-लेंग्थ और फुल-लेंग्थ शॉट्स शामिल होने चाहिए. इस तरह पके क्लाएंट को आपको जज करनेमें आसानी होगी. (हम सभी ने कभी ना कभी ये झूठ बोले हैं! देखिए ये मज़ेदार वीडियो.)
पोस्ट प्रोडक्शन – हर शॉर्टलिस्टेड पिक्चर अगर ज़रूरत पड़े तो पोस्ट-एडिट प्रोसेस में जानी चाहिए (फॉर्मैटिंग, क्लीनिंग, फोटोशॉप और ऐसी ही दूसरी चीज़ें). पर फोटोज़ को ज़्यादा से ज़्यादा रीयल दिखाने के लिए कम से कम एडिटिंग का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. फोटोग्राफर से हाई और लो रेज़ोल्यूशन दोनों में हो फोटोज़ ले लें जिससे अपलोडिंग और प्रिंटिंग में कोई दिक्कत ना हो. (हाई रेज़ोल्यूशन प्रिंटिंग के लिए और लो रेज़ोल्यूशन ऑनलाइन इस्तचेमाल के लिए). (क्या फैशन सच्चा हो सकता है?)
वाइटल डीटेल्स – आपके पोर्टफोलियो के साथ एक वाइटल इनफॉर्मेशन शीट भी होनी चाहिए जिसमें सभी ज़रूरी जानकारियां होनी चाहिए जैसे की लंबाई, वजन, आंखों का रंग, बालों का रंग और ऐसी ही दूसरी चीज़ें.
सबसे आखिरी और सबसे ज़रूरी बात इसके साथ अपना और अपनी चुनी हुई एजेंसीज़ और एजेंट्स के कॉन्टैक्ट डीटेल्स भी ज़रूर दें.
ऑल द बेस्ट!

modelling

1. मैं मॉडलिंग में अपना करियर बनाना चाहता हूं। मेरी लंबाई 5 फुट 7 इंच है। इसके लिए क्या विशेषताएं होनी चाहिए? क्या मैं एक मॉडल बन सकता हूं? उसके लिए मुझे क्या करना होगा?
मनीष

रैंप मडलिंग के लिए जो न्यूनतम लंबाई की आवश्यकता होती है, वह है – 5 फुट 10 इंच। लेकिन इससे निराश होने की जरूरत नहीं है। फैशन मॉडलिंग मुख्य रूप से तीन प्रकार की होते हैं
1. प्रिंट विज्ञापन के लिए स्टिल (स्थिर) मॉडलिंग
2. टेलीविजन या बड़े स्क्रीन के लिए अडियो-विजुअल मॉडलिंग।
3. फैशन शो के लिए रैंप मॉडलिंग।

आपकी जो कद-काठी है, उसके अनुसार पहले दो विकल्प आपके लिए उपयुक्त है। अगर एक बार आपने यह मन बना लिया कि आपको मॉडलिंग में ही करियर बनाना है तो आपको इस बात का पूरा ध्यान रखना होगा कि हर स्तर पर आपको किस चीज की जरूरत है। आपको नियमित रूप से कसरत करनी होगा, डाइट पर ध्यान रखना होगा। हां, यह सच है कि एक दिन में ही आप कसावट युक्त या मजबूत काठी वाला शरीर नहीं बना सकते हैं। फैशन और स्टाइल के नए ट्रेंड को भी हमेशा ध्यान में रखना होगा। सामान्य तौर पर इस क्षेत्र में प्रतिभागियों की उम्र 18 से 30 साल के बीच होती है।

मॉडलिंग एजेंसी आपसे एक फुल साइज और एक क्लोज-अप कलर फोटो की डिमांड करती है। इसलिए आपको सबसे पहले प्रोफेशनल फोटोग्राफर की मदद से कुछ तस्वीरें खिंचवानी चाहिए। इस बात का जरूर ध्यान रखें कि एक शानदार पोर्टफोलियो के कारण ही आप पर एजेंसीज का ध्यान जाएगा।

अगर आपको लगता है कि आपका पोर्टफोलियो पसंद करने लायक है तो आप किसी फैशन मैगजीन, ऐड एजेंसी, डिजाइनर्स और कोरियोग्राफर्स से भी सीधे संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए आपको ऐड एजेंसी के मॉडल को-अर्डिनेटर को सिर्फ अपनी तस्वीरें मेल करनी होंगी। यह भी हो सकता है कि शुरुआत में कई बार आपकी अपनी तस्वीरों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिले। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। संघर्ष के दिनों में ऐसा होता है, लेकिन कभी-न-कभी आपको पहचान मिलती ही है। किसी प्रतिष्ठित मॉडलिंग एजेंसी से जुडने से भी आपको लाभ हो सकता है।

2.मैं एक ब्राह्मण पुजारी परिवार से संबंध रखता हूं। मैं धार्मिक शिक्षक के रूप में सेना में शामिल होना चाहता हूं। क्या आप मुझे बता सकते हैं कि इसके लिए क्या जरूरी आवश्यकताएं हैं? मेरी रैंक क्या होगी और सेवानिवृत्ति की उम्र क्या होगी?
आदर्श

भारतीय सेना जूनियर कमिशंड ऑफिसर (धार्मिक शिक्षक) पद के लिए जरूरी धार्मिक योग्यता के साथ स्नातक (ग्रैजुएट्स) डिग्री के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ युवकों की बहाली करती है, जिसकी आयु सीमा 27 से 34 साल के बीच होती है।

धार्मिक शिक्षक के रूप में आपको सेना के जवानों को धर्मग्रंथ से जुड़ी शिक्षा देनी होगी। साथ ही कई यूनिट्स में धार्मिक कार्यों को भी पूरा करना होगा। इसके अलावा आपको अंतिम संस्कार में शामिल होना पड़ेगा, अस्पताल में बीमार लोगों की सेवा करनी पड़ेगी, स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करनी होगी, सजा पा रहे सैनिकों के पास जाना होगा, अधिकारियों, सैनिकों और उनके परिवार को जरूरत के अनुसार धार्मिक शिक्षा प्रदान करनी होगी। अपने धर्म के अनुसार आप एक पंडित, एक मोंक, एक पादरी या एक मौलवी बन सकते हैं।

पंडित के रूप में सेना में भर्ती होने के लिए आपको संस्त या हिंदी माध्यम में स्नातक या इसके बराबर धार्मिक भाषा से सम्बन्धित डिग्री हासिल करनी होगी। इसके अलावा अगर आपने मुख्य विषय के रूप में हिंदी या संस्त के साथ बीए पास किया है और आपकी भाषा हिंदी या संस्त नहीं रही है तो भी आप इस पद के लिए मान्य हैं।

चयन शारीरिक दक्षता की जांच, लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होता है। सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरा करने के बाद आप एक नायब सूबेदार रैंक में धार्मिक शिक्षक के रूप में नियुक्त होते हैं। इस पद पर आपकी न्यूनतम सैलरी 5620-140-8140 रुपये होगी। इसके अलावा आपको डीए, मुफ्त में आवास की सुविधा, आपके लिए राशन, कपड़े, चिकित्सीय सुविधा, खुद की, परिवार की और आप पर निर्भर लोगों की यात्रा में टूट, र्केटीन सुविधाएं और सैन्य भत्ते मिलेंगे।

10 साल की सेवा के बाद आप सूबेदार या रायसलदार पद के लिए मान्य हो जाते हैं। सामान्य तौर पर नायब सूबेदार या सूबेदार के लिए सेवा निवृत्ति की उम्र 57 वर्ष होती है। सूबेदार मेजर की रैंक पर आप पद ग्रहण करने के 4 साल बाद या फिर 57 साल (दोनों में जो पहले) आ जाए की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे।

3. मैंने 12वीं की परीक्षा दी है और अब परिणाम की प्रतीक्षा कर रही हूं। मैं एसएसपी रैंक पर पुलिस अधिकारी बनना चाहती हूं। इसके लिए क्या प्रक्रियाएं हैं?
मीना बलदेव, मथुरा

आईपीएस अधिकारी बनने के लिए आपको सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करनी होगी, जो यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाती है। यह परीक्षा तीन चरणों में होती है : सिविल सर्विसेज प्री एक्जाम, सिविल सर्विसेज मेन एक्जाम और फिर साक्षात्कार। आपको तीनों चरण पार करने होंगे और साथ ही एक अच्छा रैंक हासिल करना होगा। आईपीएस बनने के लिए आपको एक शारीरिक परीक्षा भी पास करनी होगी।

योग्यता : जिस साल आप परीक्षा देने वाली होंगी, उस साल के 1 अगस्त को आपकी उम्र 21 से 30 साल के बीच होनी चाहिए।

यह परीक्षा देश के विभिन्न इलाकों में होती है, जो यूपीएससी द्वारा निर्धारित की जाती है। विस्तृत जानकारी के लिए आप डब्लयूडब्ल्यूडब्ल्यू.यूपीएससी.जीओवी.इन पर लग इन कर सकती हैं। जब आप आईपीएस के पद पर नियुक्त होंगी तब आपको सबसे पहले असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) या असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एएसपी) का पद दिया जाता है।

इसके बाद अनुभव और उपलब्धि के आधार पर आप एसपी, एसएसपी, डीआईजी, आईजीपी, एडिशनल डीजीपी और डीजीपी जो हर राज्य में पुलिस फोर्स का मुखिया होता है, बन सकती हैं।

आप छात्र हैं या करियर को लेकर परेशान हैं तो अपने सवाल हमें भेज सकते हैं। हमारे काउंसलर उनका जवाब देंगे। यही नहीं, यदि आपके पास भी किसी सवाल का जवाब हो तो उसे भी पोस्ट कर सकते हैं। हमारा पता है -सलाह, नई दिशाएं, हिन्दुस्तान, 18-20 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली-110001

for more information visit website :- http://www.livehindustan.com/news/article/article1-story-381515.html

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आप मानें या न मानें लेकिन महिलाओं को प्रभावित करने के लिए सिर्फ अच्छे लुक्स ही काफी नहीं हैं बल्कि अपना खयाल रखना भी उतना ही जरूरी है। इस सीजन में जितना जरूरी महिलाओं के लिए अपनी त्वचा की देखभाल है, पुरुषों के लिए भी उनकी त्वचा की देखभाल उतन‌ी ही जरूरी है। ऐसे में पुरुषों के लुक में जान डालने वाले इन उपायों पर जरूर गौर करें।
साबुन चुनते वक्त रखें ध्यान
आपको साबुन के चयन में महिलाओं से भी अधिक समझदारी बरतनी होगी क्योंकि आपका सामना धूल, ऑयल और प्रदूषण से अधिक होता है। ऐसे में बिना सोचे-समझे को भी साबुन इस्तेमाल करने के बजाय अपनी स्किन के अनुरूप साबुन चुनें। ऑयली स्किन के लिए फ्रूट या जेल बेस साबुन और ड्राइ स्किन के लिए क्रीम बेस साबुन।

सनस्क्रीन सिर्फ लड़कियों के लिए नहीं है
धूप में निकलना आपका अधिक होता है तो धूप से बचाव की जरूरत आपकी त्वचा को क्यों नहीं है। आप धूप में निकलते वक्त सनस्क्रीन लोशन लगाना अगर सिर्फ महिलाओं के लिए ही जरूरी समझता है तो यह आपकी भूल हो सकती है। सामान्यतः एसपीएफ 30 युक्त सनस्क्रीन आपकी त्वचा को धूप से बचाने में कारगर है।

बालों के लिए कंडिशनर
अक्सर पुरुष बालों पर शैंपू लगाने के बाद कंडिशनर का इस्तेमाल जरूरी नहीं समझते लेकिन बालों के लिए क‌ंडिशनर की जरूरत पुरुषों को भी उतनी ही है, जितनी महिलाओं को है। इससे बालों की नमीं और चमक लंबे समय तक बरकरार रहेगी।

मॉश्चयराइजिंग
पुरुषों की त्वचा का सामना धूल और प्रदूषण से अधिक होता है इसलिए उनकी त्वचा की नमीं का खोना लाजिमी है। ऐसे में रोज सोने से पहले व नहाने के बाद हल्के मॉश्चयराइजर का इस्तेमाल जरूर करें।

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